15 अगस्त स्वतंत्रा दिवश पर निबंध हिंदी में:Essay on 15th August Independence Day in Hindi

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   स्वतंत्रा दिवस पर निबंध:Essay on independence day in hindi

Independence day essay in hindi:15 अगस्त 1947 यह वो दिन था जब हमारे भारत देश को आजदी मिलीतब से हमलोग 15 अगस्त यानि स्वंत्रता दिवस मानते हैं। यह हमारा राष्ट्र त्यौहार हैं।इस साल हमलोग 78 वे स्वतंत्रा दिवस मना रहे हैं।तिरंगा हमारा राष्ट्र झंडा हैं। जो तीन रंग,ऊपर केशरिया बिच में सफ़ेद निचे हरा और बिच में एक चक्र होता हैं।जिसे अशोक चक्र कहते हैं, यह हमारे राष्ट्रीय ध्वज के बिच होता हैं।जिसमे 24 तिलिया होती हैं

  • केशरिया रंग- हमारे राष्ट्र ध्वज में केशरिया रंग का मतलब हैं,यह हमारे भारत के स्वतंत्रा सेनानी  के साहस,बलिदान और त्याग को दर्शाता हैं।यह रंग हमें यह भी याद दिलाता हैं की अपने देश के लिए स्वार्थ से ऊपर बढ़कर देश के लिए,देश के कल्याण के लिए कार्य करे
  • सफ़ेद रंग- यह रंग हमें यह बताता हैं की शांति,सच्चाई और पवित्रता को बनाये रखें हैं,देश के विभिन्य,धर्म  समज्या, और संस्कृति को दर्शाता हैं जो हमें बनाये रखना हैं।सफ़ेद रंग हमें यह दर्शाता हैं की हमें हमेशा सत्य और अहिंसा के के मार्ग पर चलना चाहिए
  • हरा रंग- यह रंग हमारे भारत देश के हरयाली को दर्शाता हैं,हमारे देश के कृषि  संपन्नता और भारत भूमि के हरियाली को दर्शाता हैं। हरा रंग जीवन के लिए आशा और प्रगति का प्रतिक प्रतिक हैं।जो कहता हैं हमें अपने देश के विकाश के लिए निरंतर प्रयाश करना चाहिए
  • चक्र - यह हमें सन्देश देती हैं की हमें निरंतर चलते रहना चाहिए। 24 तिलिया का मतलब यह दिन के 24 घंटे को बताती हैं,जो कहती हैं हमें हमेशा आगे बढ़ना चाहिए।यह चक्र हमारे देश को आगे बढ़ाने और सही मार्ग पर चलने का प्रतिक हैं। 
यह दिन पुरे भारत वाशियो के लिए बहुत खास होता हैं इस अवसर पर प्रधानमंत्री दिल्ली के लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। इसके बाद प्रधान मंत्री भारत के लोगों को संबोधित करते हैंइस अवसर पर राष्ट्रगान गाया जाता है
हमें स्वत्रन्त्र सेनानी- महात्मा गाँधी,भगत सिंह, मंगल पांडेय, बाल गंगाधर तिलक, लालबहादुर शास्त्री, चंद्रशेखर आज़ाद, सरदार वल्लबभाई पटेल और सुभास चंद्र बोस और जितने भी स्वतंत्रा सेनानी हैं, जिन्होंने भारत को स्वतंत्रा दिलाई ब्रिटिश शासन से,उनके त्याग को और बलिदान को नहीं भूलना चाहिए।और इस अवसर पर हम उन्हें उनके बलिदान  और त्याग को याद करते है और उन्हें धन्यवाद देते हैं।जब हमरा देश ब्रिटिश के गुलाम नहीं था तब हमारा देश(भारत) सोने की चिड़िया के नाम से जाना जाता था। उस समय भारत देश बहुत अमीर हुआ करता था। लोग दूसरे देशों से यहाँ व्यापर करने आते थे
ब्रिटिश से भी यहाँ आये और वो व्यापर के  में साथ-साथ व्पापार के आड़ में वो हमारे देश के इकॉनमी सिस्टम को कब्ज़ा कर लिए,वो बाजार,मजदूर और कच्चा माल लगभग सभी चीज़ो पर उसने कब्ज़ा कर लिया। और उसने पुरे भारत पर कब्ज़ा कर लिया। अब भारत में ब्रिटिश शासन चलने लगा। उसने हम पर लगभग 200 सालो तक शासन किया। फिर भी उसने यहाँ से जाने का नाम नहीं लिया। कुछ महान व्यक्ति आये अपने बलिदान और समर्पण के साथ। और सभी उस समय के भारत वासी मिल कर ब्रिटिशर के खिलाफ लड़े और भारत को आजाद देश बनाया। लकिन जो भारत पहले था,जिसे सोने की चिड़िया के नाम से जाना जाता था अब वो नहीं रहा क्यकि भारत को अंग्रेजो ने लूट लिए थे। भारत ने बहुत सारे संघर्ष देखे हैं, लकिन उन्हीने जीवित रहने के लिए स्वत्रंत्रा हासिल की।15 अगस्त 1947 को हमारा देश आज़ाद हुआ और उसके बाद यह घोषित किया गया की भारत एक स्वतंत्र देश हैं। भारत एक धर्म निरपेक्ष देश हैं और यह किसी भी धर्म का सम्मान करता हैं और कोई पक्ष्यपात नहीं करता हैं। सब को यह एक सामान दृस्टि से देखा जाता हैं,चाहे वो हिंदी,मुस्लिम,सिख, या ईसाई हो, यह सभी बराबर हैं।भारत को आजादी मिलने के बाद पंडित जवारलाल नेहरू वह पहले प्रधान मंत्री बने भारत के। और डॉ . राजेंद्र प्रसाद भारत के पहले राष्ट्रपति बने। भारत को आजादी मिलने के बाद जितने भी भारतवासी थे उसमे से 80 % पढ़े-लिखे नहीं थे। आज भारत को आज़ादी मिले हुए 78 साल हो गए हैं। और अभी भारत में पढ़े-लिखे लोग 70% हैं। अभी के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू हैं। नरेंद्र मोदी भारत के 14 वें प्रधानमंत्री हैं। और द्रौपदी मुर्मू भारत के 15 वें राष्ट्रपति हैं। भारत सबसे बड़े विकाशशील देशों में से एक हैं। आज भारत को पूरी दुनिया अच्छी तरह से जानती हैं। हम स्वतंत्रा दिवस इसलिए भी मानते हैं ताकि हम उन्हें याद कर सके,जिन्होंने भारत को आज़ादी दिलाईयह वह दिन हैं जब हम स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धांजलि देते हैं




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